झाबुआ में चांदी के नाम पर ठगी - शादियों के बाद गहनों में निकल रहा ‘तांबा’, आदिवासी परिवार हो रहे शिकार...
✍️ ऋतिक विश्वकर्मा | एमपी जनमत | झाबुआ। झाबुआ जिला आदिवासी संस्कृति, परंपराओं और सरलता के लिए जाना जाता है। यहां शादियों के मौसम में चांदी के आभूषणों की मांग चरम पर होती है। गांव-गांव से लोग शहरों में आकर बड़ी मात्रा में चांदी खरीदते हैं, क्योंकि यह यहां की परंपरा और सामाजिक मान-सम्मान का हिस्सा है। पर अब यही परंपरा दर्द बनती जा रही है। शादी के कुछ ही महीने बीतते हैं, और जैसे ही जरूरतें सिर उठाती हैं - बुवाई के लिए खाद-बीज, बीमारी में इलाज या अन्य पारिवारिक ज़रूरतें - तो लोग चांदी के ये आभूषण गिरवी रखने बाजार पहुंचते हैं। लेकिन यहीं से शुरू होता है 'विश्वास का विसर्जन' । जब चांदी के भीतर निकला तांबा... सेठ-साहूकार जब गिरवी लिए गए गहनों की जांच करते हैं तो सामने आता है कड़वा सच। भारी संख्या में चांदी के नाम पर नकली या मिश्रित धातु के गहने बेचे गए हैं। कई मामलों में तो केवल चांदी की परत होती है, अंदर से तांबा या निकल जैसी धातुएँ निकलती हैं। कुछ मामलों में तो पूरी ‘पाठ चांदी’ यानी केवल दिखावटी चांदी पाई गई। ठगा महसूस कर रहे आदिवासी परिवार... जिन आदिवासी परिवारों ...