प्रभारी पुराण - झाबुआ में भ्रष्टाचार का बेलगाम रथ...
ऋतिक विश्वकर्मा की कलम से "प्रभारी पुराण..."
झाबुआ के महिला बाल विकास विभाग में चल रही अनोखी लीला देखनी हो तो किसी फ़िल्मी मसालेदार कहानी की जरूरत नहीं, बस इस विभाग का हाल देख लीजिए। यहाँ वर्षों से "प्रभारी का राज" चल रहा है और मजे की बात यह है कि किसी को कोई फर्क भी नहीं पड़ता! आखिर फर्क क्यों पड़े...? जब "ऊपर" से सब सेटिंग हो, तो नीचे वाले भी चैन की नींद सो सकते हैं।
महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया के गृह जिले में ही उनके विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ऐसे बेलगाम हैं जैसे बिना ब्रेक की गाड़ी। मंत्री महोदया के यहाँ इनकी "खास ट्यूनिंग" है, इसलिए ये अपनी धुन में मस्त रहते हैं। विभाग वर्षों से एक फुल-टाइम अधिकारी की बाट जोह रहा है, लेकिन यहाँ तो प्रभारी ही "अलादीन का चिराग" बने बैठे हैं - जो चाहो, कर लो...
RTI...? वो क्या होता है...?
आरटीआई यहाँ मजाक बन गई है। नियम-कानून को ऐसे ताक पर रखा गया है जैसे घर में पुराने कपड़े रखे जाते हैं - जब कोई पूछेगा, तभी देखेंगे। अधिकारी भ्रष्टाचार की हदें पार कर चुके हैं, और अगर भ्रष्टाचार की कोई ओलंपिक स्पर्धा होती, तो ये पदक जीतकर ही दम लेते।
आंगनबाड़ी का "महंगा प्यार..."
सूत्र बताते हैं कि जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं से जमकर वसूली की जाती है। अब नौकरी करनी है, तो कुछ देना पड़ेगा—यही अनकहा नियम है। और यहाँ नियम तोड़ना आम बात है, बस रिश्वत की रस्में निभानी जरूरी हैं...
प्रभार की "म्यूजिकल चेयर..."
यहाँ प्रभार का खेल ठीक वैसा ही चलता है जैसे बच्चों की म्यूजिकल चेयर—बस कुर्सी बदलती रहती है, लेकिन खिलाड़ी वही रहते हैं। कब कौन प्रभारी बनेगा, कब कौन हटेगा, ये जनता नहीं, "ऊपर वाले" तय करते हैं। और जनता भी अब यह मान चुकी है कि जब तक मंत्री महोदया चाहेंगी, तब तक यही खेल चलता रहेगा।
"सब चंगा सी..."
इस पूरे खेल में सबसे दिलचस्प बात यह है कि न कोई डर है, न कोई चिंता। कलेक्टर, सचिव, मंत्री - सबको सब पता है, लेकिन "कोई दिक्कत नहीं, सब चंगा सी..." वाली पॉलिसी अपनाई गई है। शायद यही वजह है कि यहाँ प्रभार का यह खेल कभी खत्म होने का नाम ही नहीं लेता।
आगे क्या...?
अब देखना यह है कि क्या मंत्री महोदया इस खेल को खत्म करेंगी, या फिर यह खेल और ऊँचाइयाँ छुएगा...? जनता को इंतजार रहेगा, पर तब तक "कल फिर मिलेंगे विभाग की अंदरूनी जानकारी के साथ..." जब तक के लिए नमस्कार...
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