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"मैं अब नहीं मिलूंगी..." झाबुआ की कनक पाटीदार का दर्दभरा वीडियो वायरल - क्या एक और बेटी सिस्टम से हार गई...?
✍️ ऋतिक विश्वकर्मा “कभी मैंने खुद को ज़िंदा रखने की वजह ढूंढी थी... आज जीने से बड़ी राहत ‘गुमनाम’ होना लग रहा है...” यह शब्द नहीं कहे गए, लेकिन कनक पाटीदार की आंखों में साफ-साफ दिखे। झाबुआ जिले के बामनिया चाैकी अंतर्गत आने वाले गांव अमरगढ़ की एक 22 वर्षीय युवती कनक पाटीदार का एक भावुक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वीडियो में वह सिसकियों के साथ कहती है... मैं बहुत परेशान हूं... अब नहीं मिलूंगी... यह कोई डायलॉग नहीं, यह उस बेटी की आत्मा की चीख थी, जिसे शायद दुनिया सुनना ही नहीं चाहती। वीडियो में क्या है...? विडियाें देखने के लिए लाल बटन पर क्लिक करें... 🔴🔴🔴 करीब 2 मिनट 47 सेकंड के इस वीडियो में कनक मानसिक यातना की बात करती हैं। उसका चेहरा डरा हुआ है, आंखें सूजी हुई हैं, और जुबां पर बस दर्द... अब सह नहीं पा रही... परेशान मत होना, मैं नहीं मिलूंगी... इस एक वाक्य ने हजारों दिलों को झकझोर दिया... क्या यह किसी सुसाइड नोट से कम था...? ससुराल में यातना, मायके में चुप्पी...? कनक के ससुराल से 2 जुलाई को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई, लेकिन वीडि...
झाबुआ के फॉरेस्ट कॉलोनी में तेंदूपत्ता अधिकारी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, पुलिस मौके पर मौजूद
झाबुआ। शहर की फॉरेस्ट कॉलोनी में तेंदूपत्ता अधिकारी राघव उपाध्याय द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने की खबर सामने आई है। वे मूल रूप से उज्जैन के रहने वाले थे और झाबुआ में करीब 7 वर्षों से पदस्थ थे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शव को फंदे से उतारने की प्रक्रिया जारी है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है, लेकिन आत्महत्या के पीछे के कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, राघव उपाध्याय हाल ही में मानसिक तनाव में थे, लेकिन उन्होंने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, यह जांच के बाद ही साफ होगा। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने की तैयारी चल रही है। घटना को लेकर वन विभाग के अधिकारी भी स्तब्ध हैं।
झाबुआ में मिलावटी चांदी की बिक्री, प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
झाबुआ। जिले में मिलावटी चांदी की बिक्री को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आरोप है कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे राणापुर, कालीदेवी, पारा, मेघनगर, थांदला और पेटलावद में कई सुनार मिलावटी चांदी बेच रहे हैं। इस कारण ग्राहकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि चांदी की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए दुकानों पर हॉलमार्क अनिवार्य किया जाना चाहिए। इसके अलावा, चांदी की खरीद पर जीएसटी बिल और प्रमाणपत्र देना भी अनिवार्य किया जाए, ताकि ग्राहकों को सही जानकारी मिल सके। इस मुद्दे को लेकर जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन ने प्रशासन से तत्काल जांच की मांग की है। जयस के झाबुआ जिला अध्यक्ष विजय डामोर ने कहा कि यदि जल्द ही इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो समाज मिलकर आंदोलन करेगा और दोषी व्यापारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग करेगा।
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