नीलम मेड़ा की अस्थाई पदाैन्नती से भ्रष्टाें पर सीधा प्रहार, भ्रष्टाें काे रास नही आया भाेपाली आदेश। आगामी आदेश तक नीलम ही रहेगी जल संसाधन की कप्तान।

जल संसाधन विभाग ने कार्यकारी व्यवस्था के तहत 164 सहायक अभियंताओं को प्रभारी कार्यपालक अभियंता में प्रोन्नति दी है। यह अस्थायी रूप से लागू है और भविष्य में इसमें कोर्ट के निर्णय के अनुसार बदलाव हो सकता है। 
                जल संवर्गीय प्रोन्नति पर प्रभावी रोक के कारण झाबुआ में नीलम मेड़ा काे विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कार्यकारी प्रभार दिया गया है। जब तक पदोन्नति में आरक्षण को लेकर मामला कोर्ट में विचाराधीन हाेने से विभागीय प्रोन्नति पर रोक है।
                   एसडीओ नीलम मेड़ा काे प्रभार प्राप्त हाेने से कुछ ठेकेदार व भ्रष्ट कर्मचारियाें में भय भी व्याप्त हाे चुका है। जिसके पीछे की प्रमुख वज़ह नीलम मेड़ा का कार्य के प्रति ईमानदार एवं सख्त लहज़ा हाेना भी माना जा रहा है। जिससे नीलम मेड़ा काे कई परेशानियाें का सामना करना पड़ सकता है, किंतु कुशल रणनिती बनाकर यह कितने लंबे समय इस पद पर काबीज़ रहेगी यह वक्त व इनकी कार्यशैली पर निर्भर है।

मुझे अस्थाई ताैर पर प्रभार प्रदान किया गया है। मैं अपने कार्य के प्रति ईमानदार व लगनशील हूं, यह मेरे  कार्यक्षेत्र की जनता व मेरे विभाग के लाेग भलीभांती जनाते है। मुझे नही पता की वह काैन लाेग है जाे मेरी शिकायत कर रहे है। मेरा सदैव कार्य पर फाेकस था एवं आगे भी रहेगा। अभी दाे दिन हुवें है मैं कार्यप्रणाली काे समझकर बेहतर से बेहतरीन करने का प्रयास करूंगी। - नीलम मेड़ा प्रभारी कार्यपालन अभियंता व एसडीओ, राणापुर

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