झाबुआ में बिना सुरक्षा इंतजाम के पटाखा दुकानें सजीं, सुरक्षा एवं मुलभुत सुविधाओं की जिम्मेदारी पटाखा व्यापारियों पर छोड़ दी

 

गूज़-ए-झाबुआ। दीपावली के आते ही पटाखों की खेप जिले में पहुंच चुकी है। जिला मुख्यालय में नगर पलिका ने बिना सुरक्षा व्यवस्था के पटाखा बाजार के लिए दुकानें लगवाई हैं। दो दिन बाद दीपावली का त्योहार है। दीपावली को लेकर जगह-जगह दुकानें सज गई हैं। झाबुआ में पटाखा बाजार लगाया गया है, लेकिन इन पटाखा दुकानों पर कई अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही है। पटाखा मार्केट में छाया, पानी, सुलभ शौचालय और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।

झाबुआ में बाड़कुआ स्थित खुलें मैदान में पटाखा बाजार आयोजित किया गया है। जिसमें प्रशासन ने अस्थाई पटाखों की दुकानें लगाने की अनुमति दी है। इसमें करीब 30 दुकानें संचालित हो रही है, लेकिन पटाखा बाजार में व्याप्त अव्यवस्थाओं के चलते दुकानदारों और यहां आने वाले ग्राहकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल प्रशासन ने सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर कोई माकूल इंतजाम नहीं किये है। हालात यह है कि नगर पालिका द्वारा दुकानों के लिए जो प्लाट वितरित किये हैं, इनमें मानक तय दूरी का ध्यान नहीं रखा गया है। इस कारण दुकानें पास-पास में लगी हुई हैं। इसके साथ ही छाया, पानी और बिजली के भी इंतजाम नहीं किये गये हैं। आगजनी जैसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए मार्केट स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। दुकानों के बीच दूरी कम होने एवं दो पहिया वाहन चालकों द्वारा वाहनों को दुकानें के पास खड़ा करने से हादसों की अशंका बनी हुई है। लोगों का कहना है कि प्रशासन की यह लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाएं।

पैसे देने के बाद भी सुरक्षा एवं मुलभुत सुरक्षा सें वंचित पटाखा बाजार 

पटाखा बाजार में कई अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही है। एक ओर जहां पटाखा मार्केट में छाया, पानी, बिजली और सुलभ जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। वहीं दूसरी ओर सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम नहीं किये गए हैं। आलम यह है कि पटाखा दुकानों के आसपास सुरक्षा के लिए मौके पर न तो फायर ब्रिगेड है और न अग्निशमन यंत्र लापरवाही ऐसी कि रेत से भरी बाल्टियां भी नहीं रखी गई हैं। 

नपा हुई बैलगाम, वसुली अतिरिक्त राशी फिर भी मुलभुत सुविधाओं का अभाव

आपकों बता दे की आचार सहिंता लगते ही नगर पालिका के कर्मचारी एवं अधिकारी बैलगाम हो गयें है। जिसके चलते नगर पालिका ने कारोबारियों की 2 हजार 500 सौ रुपए की रसीद काटी है एवं 1000 रूपये अतिरिक्त राम रोटी के नाम पर बिना प्राप्ती रसीद के लिए है। बावजूद इसके सुरक्षा एवं मुलभुत सुविधाओं की जिम्मेदारी पटाखा कारोबारियों के ऊपर ही छोड़ दी गई है।

फटाखा विक्रेताओं में रोष

पटाखा बाजार में दुकान के लिए प्लाट आवंटित कराने के नाम पर नगर पालिका द्वारा स्थाई शुल्क के रूप में 2500 रुपये की राशि वसूल की है, 1000 रूपये अतिरिक्त बिना रसीद के लिए है। लेकिन दुकानों पर छाया बिजली, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं विक्रेताओं को नहीं दी जा रही है। इससे दुकानदारों में गहरा रोष है। इस संबंध में दुकान संचालकों का कहना है, नपा के कर्मचारी दुकान के सामने ग्राहकों के लिए छाया के इंतजाम नहीं करने दे रहें हैं। इसके चलते दुकानदार और ग्राहकों को धूप से काफी परेशानी हो रही है। पटाखा विक्रेताओं ने यह भी बताया कि नगर ने शुल्क के नाम पर भारी भरकम राशि तो वसूल कर ली लेकिन वह छाया पानी बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया नहीं करवा रही है। बिजली एवं पानी व्यवस्था के लिए भी स्वयं को वैकल्पीक सुविधाओें का सहारा लेना पड़ रहा है।

यह होना चाहिए सुरक्षा के इंतजाम

पटाखा बाजार के आतंरिक परिसर में वाहन खडे़ नहीं किए जाएं। बाजार के बाहर एंबुलेंस होना चाहिए। फायर ब्रिगेड आवश्यक पानी और अग्नि शमन यंत्र की व्यवस्था 24 घंटे होनी चाहिए। आतिशबाजी को सुरक्षित व अज्वलनशील सामग्री से बने शेड में रखा जाए। दुकानें एक दूसरे से करीब 3 मीटर की दूरी पर होना चाहिए। किसी दुकान के 50 मीटर के दायरे में आतिशबाजी प्रतिबंधित होगी। मास्टर स्विच से फयूज व सर्किट ब्रेकर लगा होना चाहिए। दुकान के सामने रेत की बोरी पानी के डेम रखे होना चाहिए। दुकान के बाहर धुम्रपान निषेध का बोर्ड अनिवार्य रूप से लगा होना चाहिए। दुकान के बाहर खाली डिब्बे व कार्टून रखे नहीं होना चाहिए। लाइसेंस पर दी गई मात्रा से अधिक माल दुकान में नहीं होना चाहिए।

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