झाबुआ में सीएम माेहन यादव के पहले आदेश की अनदेखी, खुलेआम बैच रहे मांस-मटन और मछली...
हालांकि, झाबुआ जिला मुख्यालय में मोहन यादव के इस पहले आदेश को एक साल बाद भी लागू नहीं किया गया है।
जिला मुख्यालय पर नगर पालिका की बाउंड्री के पास नगर के प्रमुख मार्ग पर जगह-जगह पर मीट-मटन की दुकानें संचालित हो रही हैं। मुख्य रूप से नगरपालिका के पास से ही कुम्हार मोहल्ले होकर मेन बाजार में जाने वाले मार्ग पर कई मांस की दुकानें संचालित हैं। जिससे आम नागरिकों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। यहां सड़कों पर अवैध अतिक्रमण करके खुले में मांस बेचा जा रहा है, जिसके चलते राहगीरों को लंबा रास्ता तय करके जाना पड़ता है। लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, कई शिकायतों के बाद भी हालात नहीं सुधर रहे हैं।
मोहन सरकार के आदेश को भी एक साल का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक दुकानों को दूसरी जगह नहीं ले जाया गया है। इस मामले में लापरवाही और जानबूझकर देरी करने के आरोप लग रहे हैं। उधर, नगर पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि बिट्टू सिंगार और नपा सीएमओ जल्द इन दुकानों को शिफ्ट करने की बात कई बार कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री बनते ही डॉ. यादव ने दिए थे निर्देश...
बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पद की शपथ लेते ही पहली कैबिनेट बैठक में मांस-मछली व अंडे की खुले में बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने यह आदेश जारी किया था कि मांस-मछली की दुकानों के लिए नियमों का सख्ती से पालन हो।
इस लापरवाही के चलते आम जनता के मन में कई सवाल खड़े हो रहे है...
- क्या झाबुआ जिला प्रशासन मुख्यमंत्री के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहा है...?
- क्या नगर पालिका और अन्य संबंधित विभाग इस मामले में लापरवाही बरत रहे हैं...?
- क्या आम नागरिकों की समस्याओं को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है...?
इस खबर के माध्यम से, झाबुआ जिला प्रशासन और संबंधित से यह जानना चाहते हैं कि वे मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन कब और कैसे करेंगे और आम नागरिकों को इस समस्या से कब मुक्ति मिलेगी...?
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