महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ भील सेना संगठन का बिगुल, जल्द होगा आंदोलन
झाबुआ। भील सेना संगठन ने महिला एवं बाल विकास विभाग में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। संगठन के जिलाध्यक्ष रवि भूरिया ने विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह विभाग अब "भ्रष्टाचार विभाग" बन चुका है। आदिवासी महिलाओं के अधिकारों का शोषण किया जा रहा है और उनसे अवैध रूप से पैसों की वसूली हो रही है।
सीडीपीओ पर रिश्वतखोरी के आरोप...
रवि भूरिया ने आरोप लगाया कि झाबुआ और राणापुर के सीडीपीओ (बाल विकास परियोजना अधिकारी) मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनाने के आदेश को कमाई का जरिया बना रहे हैं। राणापुर ब्लॉक के सीडीपीओ मुवेल पर आरोप है कि उन्होंने हर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से 25,000 रूपये की वसूली की है। वहीं, झाबुआ की सीडीपीओ बुनकर पर मनमानी वसूली करने और भ्रष्टाचार की सारी हदें पार करने का आरोप है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल...
भील सेना के झाबुआ ब्लॉक अध्यक्ष गोलू वसुनिया ने कहा कि यह भ्रष्टाचार महिला बाल विकास मंत्री के गृह जिले में हो रहा है, तो प्रदेश के अन्य हिस्सों में स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस पर मौन है, जबकि आदिवासी बहनों के अधिकारों का खुलेआम शोषण हो रहा है।
आंदोलन की चेतावनी
भील सेना संगठन ने पहले ज्ञापन सौंपने और उसके बाद भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई न करने पर धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस मुद्दे पर विस्तृत रणनीति बना रहे हैं।
आगे क्या...?
भील सेना संगठन का यह कदम प्रशासन पर कितना असर डालता है, यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल, आदिवासी महिलाओं के हक के लिए इस लड़ाई में संगठन ने आर-पार की लड़ाई का संकेत दे दिया है।
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