नगर परिषद की लापरवाही से टूटा दुखों का पहाड़, अवैध निर्माण के मलबे में दब गई जिंदगियां... जिम्मेदार काैन...?
पेटलावद। नगर परिषद की लापरवाही के कारण निर्दोष और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। नियमों का हवाला देकर सख्ती दिखाने वाले अधिकारी आज खुद इस हादसे के लिए जिम्मेदार नजर आ रहे हैं। मामला पेटलावद का है, जहां बिना किसी अनुमति के बनाए जा रहे सिनेमा हॉल की छत रविवार काे अचानक गिर गई, जिससे दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए।
बिना अनुमति हो रहा था निर्माण, नगर परिषद ने नहीं दिखाई सख्ती...
जानकारी के अनुसार, नवीन (नरसिंहदास) पिता प्रकाशचंद्र बैरागी, निवासी पेटलावद द्वारा 100 फीट लंबाई और 60 फीट चौड़ाई यानी कुल 6000 वर्गफीट क्षेत्र में सिनेमा हॉल का निर्माण कराया जा रहा था। नगर परिषद, पेटलावद से कोई अनुमति नहीं ली गई थी, फिर भी यह निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी था। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि निर्माण कार्य निम्न गुणवत्ता और बिना किसी सक्षम स्वीकृति के किया जा रहा था, जिसके कारण रविवार को यह दर्दनाक हादसा हुआ।
एसडीएम ने की पुष्टि, कलेक्टर ने गठित की जांच समिति...
पेटलावद एसडीएम ने वीडियो जारी कर बताया कि सिनेमा हॉल का निर्माण पूरी तरह अवैध था और इसके लिए जिम्मेदार नवीन बैरागी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इसके साथ ही, नगर परिषद पेटलावद की सीएमओ आशा भंडारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि आखिर इतना बड़ा निर्माण कार्य बिना अनुमति के कैसे चल रहा था और अधिकारियों ने इस पर सख्ती क्यों नहीं दिखाई...?
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर नेहा मीना ने जांच समिति गठित कर विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
क्या जवाब देंगे लापरवाह अधिकारी...?
यह घटना नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े करती है। आखिर कैसे बिना अनुमति और घटिया निर्माण सामग्री से इतने बड़े स्तर पर निर्माण कार्य जारी रहा? क्या यह बिना किसी मिलीभगत के संभव था? अब सवाल यह है कि क्या नगर परिषद के अधिकारी स्पष्टीकरण देकर खुद को बचा लेंगे या फिर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी?
यह हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही की भयावह तस्वीर है। अब देखना होगा कि जांच के बाद दोषियों को सजा मिलती है या फिर निर्दोष लोग इसी तरह नियमों की अनदेखी और लापरवाही की भेंट चढ़ते रहेंगे।
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