झाबुआ में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का आयोजन, जयस ने की आदिवासी रीति-रिवाजों के सम्मान की मांग

झाबुआ। झाबुआ जिले में 27 मार्च को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 1100 जाेड़ाें का सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन को लेकर आदिवासी संगठन जयस (जय आदिवासी युवा शक्ति) ने अपनी मांगें प्रशासन के समक्ष रखी हैं।जयस जिलाध्यक्ष विजय डामोर और अन्य पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि आदिवासी समाज की परंपराओं का पूरा सम्मान किया जाए। उन्होंने कहा कि झाबुआ जिले में 90% से अधिक आबादी आदिवासी समाज की है, जहां विवाह समारोह पारंपरिक तडवी और पुजारा के रीति-रिवाजों से संपन्न होते हैं।

जयस की प्रमुख मांगें...

  1. जिस तरह पंडितों के लिए अलग मंच बनाया जा रहा है, उसी तरह तडवी और पुजारा के लिए भी अलग मंच स्थापित किया जाए।
  2. आदिवासी विवाह परंपरा के अनुसार, फेरे दूल्हन के जीजा द्वारा कराए जाने चाहिए।
  3. आदिवासी समाज सुधारक स्व. खुमसिंह महाराज जी की तस्वीर कार्यक्रम स्थल पर लगाई जाए।
  4. हर गांव में तडवी और पुजारा होने चाहिए ताकि विवाह पूरी तरह से पारंपरिक तरीके से हो सके।

जयस के पदाधिकारियों ने इस विषय में झाबुआ तहसीलदार सुनील कुमार डावर से मुलाकात कर अपनी मांगें रखीं और झाबुआ जिले की आदिवासी संस्कृति के महत्व को रेखांकित किया। बैठक में झाबुआ जिलाध्यक्ष, राणापुर ब्लॉक अध्यक्ष राकेश डामोर और जयस जिला आईटी सेल प्रभारी अजय बामनिया मौजूद रहे। 

        जयस ने स्पष्ट किया है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

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