सड़क पर सरकते संस्कार... मनाेहरलाल धाकड़ का एक्सप्रेसवे पर एक्सप्रेशन... हाईवे रोमांस से CCTV बना सुपरस्टार...

झाबुआ (ऋतिक विश्वकर्मा)। देश की राजनीति में जब तक बयानबाज़ी और बहसबाज़ी थी... सब ठीक था... लेकिन जब नेता जी डायरेक्ट एक्शन मोड में आ गए... और वो भी हाईवे पर... तो मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक पूरा सिस्टम ओवरलोड हो गया...मामला मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले का है... जहां भाजपा नेता (या फिर भूतपूर्व अस्थायी स्वघोषित नेता) मनोहरलाल धाकड़ जी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को एक प्राइवेट स्टूडियो समझ लिया... कैमरा पहले से मौजूद था... सीसीटीवी... लोकेशन थी सार्वजनिक रास्ता... और अभिनय था... अश्लीलता की पराकाष्ठा...

अब भाई साहब को लगा कि रोमांस विद ए व्यू ट्रेंड कर रहा है... क्या पता इंस्टाग्राम पर रील बनाने की कोशिश कर रहे हों... लेकिन मामला सीधा पुलिस की रील में पहुंच गया... पुलिस ने IPC नहीं... नए जमाने के BNS की धाराएं चला दीं... 296... 285... और 3(5)... यानी "अश्लीलता + रास्ता रोको + नियत खराब" का संयुक्त जाम...

भाजपा बोली... हमको क्या...
पार्टी ने तुरत-फुरत नाता तोड़ लिया... वो तो हमारे प्राथमिक सदस्य भी नहीं हैं...
वाह... नेता जी का प्यार प्राथमिक था... और पार्टी की सदस्यता भी...

पत्नी बोलीं... हम तो जिला पंचायत में हैं...
घर में राज और बाहर विराज... लेकिन हाईवे पर... चलिए छोड़िए...

धाकड़ महासभा ने भी कह दिया... धाकड़ नहीं... ढीले हो गए हो...
और उनका महासचिव पद भी गया एक्सप्रेसवे की तरह फिसलता हुआ...

अब जनता बोले... वाह नेता जी... वाह...
पहले जनता को सड़कें नहीं मिलती थीं... अब नेता जी को सड़कें कम पड़ गईं...
अब लोग गूगल मैप से पहले सोचते हैं... कहीं नेता जी तो नहीं रुक गए इस स्पॉट पर...

राजनीति में नया विषय...
राइट टू रोमांस ऑन रोड...
किसी नेता ने मांग भी रख दी... जैसे मन की बात होती है... वैसे ही तन की बात भी होनी चाहिए...
अब भैया... लोकतंत्र है... लेकिन लोक का मतलब पब्लिक और तंत्र का मतलब तमीज़ भी होता है...

राजनीति में अब घोषणापत्र नहीं... CCTV फुटेज ज़्यादा वायरल होता है... नेता बनने से पहले अब ड्राइविंग लाइसेंस नहीं... संस्कार सर्टिफिकेट भी माँगा जाना चाहिए...

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