नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास...

विशेष न्यायाधीश सुभाष सुनहरे ने सुनाया फैसला, विशेष लोक अभियोजक मनीषा मुवेल ने की पैरवी

झाबुआ। झाबुआ जिले के थांदला थाना क्षेत्र में नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर ले जाने और दुष्कर्म करने के गंभीर मामले में न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिनांक 4 जून 2022 को पीड़िता अपने गांव में आयोजित एक विवाह समारोह में गई थी। इसी समारोह में ग्राम बेहड़ी हाड़ी निवासी बबलु पिता पप्पु कटारा (उम्र 19 वर्ष), जिसे पीड़िता पहले से जानती थी, भी उपस्थित था। रात करीब 11 बजे जब पीड़िता शौच के लिए बाहर गई, तब आरोपी ने उसे प्रेम और विवाह का झांसा देकर मोटरसाइकिल पर बिठाया और ग्राम बेहड़ी हाड़ी होते हुए निम्बाहेड़ा ले गया।

वहां आरोपी ने पीड़िता की इच्छा के विरुद्ध शारीरिक शोषण किया और जान से मारने की धमकी दी। घटना के कई दिनों बाद, 15 जून 2022 को पीड़िता ने अपने पिता को फोन कर बुलाया, जिसके बाद परिजन उसे निम्बाहेड़ा से वापस घर लेकर आए।

इस गंभीर अपराध के संबंध में थाना थांदला में अपराध क्रमांक 440/2022 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376(2)(एन), 506 तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 5(एल)/6 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई। इस प्रकरण की जांच निरीक्षक कौशल्या चौहान द्वारा की गई।

मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती मनीषा मुवेल ने सशक्त तर्क और साक्ष्यों के आधार पर पक्ष रखा। अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो), जिला झाबुआ श्री सुभाष सुनहरे ने आज 26 जून 2025 को आरोपी बबलु को दोषी ठहराते हुए आजीवन सश्रम कारावास एवं ₹5000 के अर्थदंड की सजा सुनाई।

यह फैसला ऐसे मामलों में न्याय की दृढ़ता और पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा के प्रति न्यायालय की संवेदनशीलता का प्रमाण है।

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