भील सेना ने एनएसए के तहत बंद आदिवासी युवाओं की रिहाई की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन...

झाबुआ। बुधवार काे भील सेना संगठन ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इसमें रतलाम जिले के बाजना निवासी इंजीनियर बिलवेश्वर खराड़ी सहित अन्य आदिवासी युवाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत जेल भेजे जाने को अन्यायपूर्ण बताते हुए तत्काल रिहाई की मांग की गई।संगठन का कहना है कि इन युवाओं को राजनीतिक दबाव और निजी प्रतिद्वंद्विता के चलते फर्जी FIR में फंसाया गया है। यह गिरफ्तारी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है।
        ज्ञापन में कहा गया कि 22 दिसंबर 2024 को पुलिस ने बिना ठोस सबूत के बिलवेश्वर खराड़ी और अन्य आदिवासी युवाओं को गिरफ्तार किया और एनएसए लगाकर छह महीने से जेल में बंद कर रखा है। यह न केवल असंवैधानिक है बल्कि आदिवासी समाज के साथ अन्याय भी है।
        इस मौके पर अर्जुन डामोर, दीपक डामोर, आशीष गामड़, संजीव गामड़, महेश गामड़ सहित संगठन के जिला अध्यक्ष रवि भूरिया, ब्लॉक अध्यक्ष गोलू वसुनिया और महेश वसुनिया मौजूद रहे।
       भील सेना ने चेतावनी दी कि यदि जल्द रिहाई नहीं हुई, तो संगठन प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगा। संगठन ने राष्ट्रपति से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप कर न्याय दिलाएं और भविष्य में ऐसे कदमों पर रोक लगाएं।

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