प्रदेश के स्कूलों में शारीरिक दंड पर पूरी तरह प्रतिबंध, उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई...

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों को दी जाने वाली शारीरिक सजा (Corporal Punishment) पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि यदि किसी भी विद्यालय या शिक्षक द्वारा छात्रों को शारीरिक दंड दिया जाता है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 सरकार के आदेश के अनुसार, निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 17 और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 के तहत शारीरिक दंड देना दंडनीय अपराध है। आदेश में जिला शिक्षा अधिकारियों को इस नियम का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।

                    हाल के दिनों में कुछ जिलों से शारीरिक दंड से जुड़े मामले सामने आए थे, जिसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि छात्रों को भयमुक्त और सुरक्षित माहौल में शिक्षा देने के लिए यह प्रतिबंध आवश्यक है।

टिप्पणियाँ

  1. शारीरिक दंड तो ठीक है परंतु मानसिक दंड भी नहीं देना चाहिए , माता-पिता फीस नहीं भर पा रहे तो बच्चों को क्लास के बाहर खड़ा कर देना
    फीस नहीं भर पाए तो एडमिट कार्ड नहीं देना जिसके कारण बच्चे मानसिक रूप से प्रताड़ित होते हैं ऐसा खुद मेरे साथ हुआ है इसके लिए सरकार के पास क्या योजना है

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