सरकारी स्कूलों में 21 लाख बच्चों की कमी, शिक्षा व्यवस्था पर प्रताप ग्रेवाल ने पूछे गंभीर सवाल
शिक्षा बजट के बावजूद सरकारी स्कूलों में गिरावट, विधायक प्रताप ग्रेवाल ने पूछे तीखे सवाल ...
भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या तेजी से घट रही है। बीते 10 वर्षों में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ रहे 21 लाख से अधिक बच्चों ने सरकारी स्कूल छोड़ दिए। इसके अलावा, निजी स्कूलों में भी 5 लाख छात्रों की कमी दर्ज की गई है। यह आंकड़े सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल के जवाब में विधानसभा में सामने आए।
शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2015-16 में सरकारी स्कूलों में 78.96 लाख छात्र थे, जो 2024-25 में घटकर 58.17 लाख रह गए। वहीं, निजी स्कूलों में नामांकन 48.84 लाख से घटकर 43.93 लाख हो गया। इस गिरावट के पीछे सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता, बुनियादी सुविधाओं की कमी और निजी स्कूलों की ओर बढ़ता रुझान बड़ी वजहें मानी जा रही हैं।
कक्षा 9 से 12 में भी कमी...
यह गिरावट सिर्फ प्राथमिक कक्षाओं तक सीमित नहीं है। कक्षा 9 से 12 तक के सरकारी स्कूलों में नामांकन 2020-21 में 23.94 लाख था, जो 2024-25 में घटकर 21.26 लाख हो गया। यानी 2.68 लाख छात्रों की कमी आई। निजी स्कूलों में भी इस दौरान नामांकन घटकर 12.85 लाख हो गया।
विधायक प्रताप ग्रेवाल ने उठाए सवाल...
विधायक प्रताप ग्रेवाल ने शिक्षा की गिरती स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए सवाल उठाया कि सरकार की ओर से जारी बजट का सही उपयोग क्यों नहीं हो रहा? यदि करोड़ों रुपये शिक्षा के लिए आवंटित किए जाते हैं, तो सरकारी स्कूलों में नामांकन में इतनी बड़ी गिरावट क्यों दर्ज हो रही है?
सरकारी शिक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल...
विशेषज्ञों के अनुसार, सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव, शिक्षकों की कमी और प्रशासनिक लापरवाही मुख्य कारण हैं। सरकार ने इस वर्ष शिक्षा के लिए 33,533 करोड़ रुपये का बजट रखा है, लेकिन इसका प्रभाव जमीनी स्तर पर कितना दिखेगा, यह देखना होगा।
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