पत्रकारों का सब्र टूटा, झाबुआ में गरजा लोकतंत्र का चौथा स्तंभ... 'कलम डाउन आंदोलन' की चेतावनी...
झाबुआ में पत्रकारों का ऐतिहासिक धरना और 'कलम डाउन' की चेतावनी...
झाबुआ। जिले में पत्रकारों के साथ हो रहे प्रशासनिक दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के खिलाफ सोमवार को जिलेभर के पत्रकारों ने जिला पत्रकार संघ के बैनर तले अम्बेडकर गार्डन में जोरदार धरना प्रदर्शन किया। जिले के सभी ब्लॉकों और कस्बों से आए सैकड़ों पत्रकारों ने प्रशासन के खिलाफ एक स्वर में आवाज बुलंद करते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, प्रशासनिक अधिकारियों की टिप्पणियों पर माफी की मांग और पत्रकारों की गरिमा की रक्षा को लेकर अपनी मांगें रखीं। इस प्रदर्शन को कांग्रेस पार्टी का भी स्पष्ट समर्थन मिला।
मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान टिप्पणी बनी विवाद का कारण...
धरने की पृष्ठभूमि उस वक्त बनी जब कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री के झाबुआ दौरे के दौरान कलेक्टर द्वारा कहा गया कि "कौन क्या कर रहा है, हमें सब पता है," और पुलिस अधीक्षक ने टिप्पणी की कि "सबके इश्यू हैं।" इन बयानों को पत्रकारों ने धमकीपूर्ण और आपत्तिजनक मानते हुए तीखा विरोध जताया और प्रशासन से माफी की मांग की।
वरिष्ठ पत्रकारों के तीखे तेवर...
धरना स्थल पर वक्ताओं ने प्रशासनिक व्यवहार की कड़ी आलोचना करते हुए स्पष्ट किया कि अब पत्रकार चुप नहीं बैठेंगे...
हरीशंकर पंवार बोले, प्रशासन और पत्रकार एक-दूसरे के पूरक हैं, टकराव से संवाद खत्म होता है। अगर बात नहीं बनी तो पत्रकारों को कलम रखनी पड़ेगी।
मनोज अरोरा ने कहा, प्रशासनिक उदासीनता इतनी है कि दूर-दराज से पत्रकारों को खुद झाबुआ आकर अपनी आवाज़ उठानी पड़ी।
आलोक द्विवेदी ने तीखे शब्दों में कहा, यदि सम्मान नहीं दे सकते तो अपमान भी मत कीजिए। पत्रकारिता को निशाना बनाना लोकतंत्र पर हमला है।
संजय भटेवरा ने प्रशासन की टिप्पणी को असहनीय बताते हुए कहा, पत्रकार सुरक्षा कानून की अब प्रदेश में सख्त जरूरत है।
राजेन्द्र सिंह सोनगरा ने कहा, प्रशासन जनहित की खबरों को निजी आलोचना मानता है, जो पूरी तरह गलत है।
सत्यनारायण शर्मा ने पत्रकारों से एकजुट रहने का आह्वान किया ताकि प्रशासन उनकी आवाज़ को हल्के में न ले सके।
विरेन्द्र भट्ट (पेटलावद) ने जल जीवन मिशन की खबर पर कार्रवाई का उदाहरण देते हुए कहा, सच छापने पर पत्रकारों को नोटिस मिलते हैं, दोषियों को संरक्षण मिलता है।
विरेन्द्र सिंह राठौर ने कहा, झाबुआ की पत्रकारिता कभी झुकी नहीं, और अब और मुखर होगी। हमारी आवाज कभी दबने वाले नहीं है, हम जनता आवाज उठाने वाले है।
कांग्रेस नेताओं का मिला समर्थन..धरने में पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, झाबुआ विधायक व आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया, जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश रांका, शहर कांग्रेस अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह राठौर, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि जसवंत भाबर शामिल हुए। डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा, सीधी, उज्जैन और अब झाबुआ... हर जगह पत्रकारों को सच की कीमत चुकानी पड़ रही है। यह प्रेस की आज़ादी पर हमला है। कांग्रेस पत्रकारों के साथ सड़क से सदन तक खड़ी रहेगी।
ज्ञापन सौंपा गया...
प्रदर्शन के अंत में एसडीएम भास्कर गाचले और तहसीलदार सुनील डावर धरना स्थल पहुंचे। यहां महेश राठौर ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन का वाचन किया, जिसे राधेश्याम पटेल, हरिशंकर पंवार, अक्षक भट्ट, संजय भटेवरा, राजेश सोनी समेत पत्रकारों ने सौंपा।
15 दिन में माफी नहीं तो भोपाल कूच...
धरने में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि 15 दिनों में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक क्षमा याचना नहीं की जाती, तो जिले के पत्रकार मुख्यमंत्री से मुलाकात करने भोपाल जाएंगे। साथ ही पत्रकारों ने यह भी तय किया कि जब तक माफी नहीं मांगी जाती, प्रशासन और पुलिस की प्रेस नोट व खबरों का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा। इस चेतावनी को "कलम डाउन आंदोलन" का नाम दिया गया।
प्रदर्शन में शामिल पत्रकार...
इस ऐतिहासिक धरने में आलोक द्विवेदी, मनोज चतुर्वेदी, रितिक विश्वकर्मा, रविन्द्र सिंह झाला, रिंकेश बैरागी, विरेन्द्र सिंह राठौर, राकेश पाेद्दार, पीटर बबेरिया, संजय लोढ़ा, धर्मेन्द्र पांचाल, महेश राठौर, पियूष गादिया, नरेन्द्र राठौर, बीके सिंह, कार्तिक हटिला, भूपेश भानपुरिया, दशरथ कट्टा, भूपेन्द्र बरमडलिया, संदीप खत्री, पुनीत जाेशी, सलिम खान, जावेद खान, ईमारान शेख, अमित शर्मा, केशव ठाकुर, कृष्णपाल सिंह ठाकुर, विपुल पांचाल, मुकेश परमार सहित झाबुआ, मेघनगर, कालीदेवी, राणपुर, सारंगी, रायपुरिया, खवासा, कुन्दनपुर, झकनावदा, भामल, काकनवानी, करवड़ आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद रहे।
आभार प्रदर्शन वरिष्ठ पत्रकार राधेश्याम पटेल द्वारा किया गया।
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यह धरना सिर्फ विरोध नहीं था, यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की चेतावनी थी, कि पत्रकारिता को कमजोर समझने की भूल अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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