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महिला सशक्तिकरण सम्मेलन से पहले महिला अफसर की बड़ी पदस्थापना, प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव बनीं होमगार्ड्स DGP

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झाबुआ/भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने महिला सशक्तिकरण सम्मेलन से पहले बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव (1991 बैच) को होमगार्ड्स, नागरिक सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन की पुलिस महानिदेशक (DGP) पद पर पदस्थ किया है। वर्तमान में वे विशेष पुलिस महानिदेशक, महिला सुरक्षा, पुलिस मुख्यालय भोपाल में पदस्थ थीं। इसी के साथ अनिल कुमार को महिला सुरक्षा का अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) बनाया गया है।            वहीं, चंचल शेखर को SISF (स्पेशल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स) का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है।

तिकड़मी मंत्री और तकनीकी SIT, जांच ऐसे चल रही है जैसे चम्मच से छेद करना...

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झाबुआ/भाेपाल (ऋतिक   विश्वकर्मा)।  मध्यप्रदेश की राजनीति के ‘डायलॉग किंग’ और ‘विवादों के ब्रांड एंबेसडर’ मंत्री विजय शाह एक बार फिर अपनी कलाकारी से चर्चा में हैं। बयानबाज़ी तो उन्होंने की, मगर अब असली तमाशा उनकी जांच की पटकथा में चल रहा है और ये स्क्रिप्ट किसी कॉमेडी शो से कम नहीं... जांच के नाम पर गठित एसआईटी ने ऐसा ‘तीव्र बुद्धि’ वाला काम किया है, जिसे देख विज्ञान भी शर्मा जाए। मंत्रीजी के आपत्तिजनक बयान वाला वीडियो, सीधा भेज दिया भोपाल की रीजनल फॉरेंसिक लैब (RFSL) को... अब भले ही उस लैब में वीडियो की जांच होती ही न हो... RFSL ने भी शालीनता से वीडियो लौटा दिया, मानो कह रही हो...  भाई साहब, ये हमारे बस की बात नहीं, इसे या तो CFSL भेजो या गांधीनगर की NFSU। हम तो बस खून-नमूने वगैरह देखते हैं, मंत्रीजी के बयान की गरमी नहीं... मप्र एफएसएल के डायरेक्टर शशिकांत शुक्ला ने भी सधी हुई मुस्कान के साथ सलाह दे दी... गलती हो गई है, अब सुधार लीजिए, वर्ना जनता सवाल पूछेगी... पर सवाल तो अब भी हैं... क्या SIT को सच में नहीं पता था कि RFSL वीडियो जांच नहीं करती, या फिर ‘जा...

12वीं में 75% से ज्यादा अंक लाने वाले छात्रों को मिलेंगे 25,000, बैंक खाता जल्द दर्ज कराएं...

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झाबुआ/भाेपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। जिन छात्रों ने कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 75% या उससे अधिक अंक हासिल किए हैं, उन्हें सरकार की ओर से 25,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह राशि छात्रों के अपने नाम से चल रहे बैंक खाते में सीधे भेजी जाएगी। इसके लिए जरूरी है कि छात्र अपना बैंक खाता नंबर, IFSC कोड और बैंक शाखा का नाम अपने स्कूल में जल्द से जल्द जमा करें, ताकि स्कूल उसे शिक्षा पोर्टल पर दर्ज कर सके।           सरकार ने यह कदम मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया है। अगर किसी छात्र का बैंक खाता उसके माता-पिता के नाम से है, तो उसे छात्र के नाम पर नया खाता खुलवाना होगा।            अभिभावकों से विभाग द्वारा अनुरोध किया जा रहा है कि वे अपने बच्चों की जानकारी एक सप्ताह के भीतर स्कूल में जरूर जमा कराएं, ताकि उन्हें 25,000 की राशि समय पर मिल सके।

गृह तहसील में पदस्थ पटवारी और आरआई को हटाने के निर्देश, 29 मई से लागू होंगे नए आदेश...

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झाबुआ/भाेपाल।  मध्यप्रदेश सरकार ने अब एक नया फैसला लिया है। इसके तहत अब कोई भी पटवारी अपनी खुद की (गृह) तहसील में और राजस्व निरीक्षक (आरआई) अपने खुद के अनुमंडल में पदस्थ नहीं रह पाएंगे। यह व्यवस्था 29 मई 2025 से लागू होगी। यह आदेश भू-अभिलेख विभाग, ग्वालियर से जारी हुआ है। आदेश में साफ कहा गया है कि सभी जिलों में यह नियम सख्ती से लागू किया जाए। इससे पहले भी इस बारे में अक्टूबर 2024 में निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब इस पर पूरी तरह अमल करने को कहा गया है।         सरकार का मानना है कि इस बदलाव से राजस्व विभाग में पारदर्शिता और ईमानदारी बढ़ेगी। साथ ही, कामकाज में सुधार होगा और किसी भी तरह के निजी या क्षेत्रीय दबाव से बचा जा सकेगा।         यह आदेश सभी कलेक्टरों को भेजा गया है ताकि वे अपने जिलों में समय पर इस नियम को लागू करें।

कालीदेवी थाना में शांति समिति की बैठक संपन्न, त्योहारों और यातायात व्यवस्था को लेकर हुई चर्चा

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झाबुआ। जिले के कालीदेवी थाना क्षेत्र में आगामी त्योहारों और यातायात व्यवस्था को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक का आयाेजन जिला कप्तान पद्म विलोचन शुक्ल के निर्देश में एवं एसडीओपी रूपरेखा यादव के मार्गदर्शन में कार्यक्रम संपन्न हुआ। बैठक के दौरान कालीदेवी थाना प्रभारी जयराजसिंह सोलंकी द्वारा उपस्थितजनों को आवश्यक जानकारी प्रदान की गई। शांति समिति की इस बैठक में विभिन्न समाजसेवी, जनप्रतिनिधि और स्थानीय नागरिकों की भागीदारी रही। उपस्थित प्रमुख सदस्यों में संदीप जैन, नारायण राणे, जयस वागड़िया, अमजद खान, सलमान, कुरेसिंह और संजय खपेड़ आदि शामिल रहे।        इसके अलावा बैठक में एएसआई अशोक चौहान, प्रधान आरक्षक महेन्द्र चौहान, आरक्षक कृष्णा और जितेन्द्र हरवाल भी मौजूद रहे। बैठक का उद्देश्य क्षेत्र में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना तथा त्योहारों के दौरान शांति एवं सुचारू यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करना था।        प्रशासन द्वारा नागरिकों से सहयोग की अपील की गई, ताकि आने वाले दिनों में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचा जा सके।

तबादलों की अंतिम तारीख 10 जून तक बढ़ाई गई, 10% से ज्यादा ट्रांसफर के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति जरूरी

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झाबुआ/भाेपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के तबादलों की समयसीमा में बदलाव करते हुए अब इसकी अंतिम तारीख 10 जून निर्धारित की है। पहले यह प्रक्रिया 30 मई तक पूरी होनी थी, लेकिन तबादलों के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आने के कारण सरकार ने समयसीमा को 10 दिन और बढ़ा दिया है।             1 मई से राज्य में ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो अब 10 जून तक चलेगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई विभाग अपने कुल कर्मचारियों में से 10% से अधिक का ट्रांसफर करना चाहता है, तो उसे मुख्यमंत्री से विशेष अनुमति लेनी होगी।            इस वर्ष तबादलों के लिए एक नई नीति लागू की गई है, जिसका उद्देश्य अधिक पारदर्शिता और कर्मचारियों की सुविधा सुनिश्चित करना है। नई नीति के तहत कर्मचारियों की व्यक्तिगत और पारिवारिक परिस्थितियों को प्राथमिकता दी जा रही है।             सरकार की इस निर्णय से हजारों कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो लंबे समय से तबादले के इंतजार में थे।

तबादला महोत्सव 2025 - आवेदन ढेरों... जगह कम... सिफारिश जरूरी...

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झाबुआ ( ऋतिक  विश्वकर्मा)। मध्यप्रदेश सरकार ने जैसे ही 31 मई तक तबादला प्रतिबंध हटाया, वैसे ही राज्य में तबादला महोत्सव की धूम मची हुई है... लगता है जैसे कर्मचारियों ने तबादले के लिए पूरे साल व्रत रखा हो और अब छुट्टी मिलते ही सबने आवेदन पत्रों की बौछार कर दी... कुल जमा 1.5 लाख आवेदन... लेकिन अफ़सोस, कुर्सियाँ तो सिर्फ़ 50 हज़ार ही हैं... बाक़ी लोग क्या करें...? शायद फिर से तीन साल का ‘योगासन’ कर लें वहीं की वहीं.... शिक्षा विभाग – हम ही क्यों...? सबसे ज़्यादा भीड़ तो शिक्षा विभाग में है। 35,000 गुरुजन लाइन में हैं, लेकिन हर किसी की एक ही तमन्ना... भोपाल या फिर घर के पास... अब शिक्षा विभाग वालों से कोई पूछे, बच्चों की पढ़ाई का क्या होगा...? तो जवाब मिलेगा, पहले खुद की पढ़ाई (तबादले) पास हो जाए... राजस्व और स्वास्थ्य विभाग – हम भी पीछे नहीं... राजस्व विभाग के बाबू लोग 8,000 की संख्या में कतार में है, मानो तहसील छोड़ना कोई धर्म संकट हो। वहीं... स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर-नर्स भी सोच रहे हैं — बीमार चाहे जहाँ हो, हम तो सिर्फ़ मनपसंद पोस्टिंग पर ही सेवा देंगे... जनजातीय कार्...

एक्सप्रेस-वे का रंगीला राजा मनाेहर धाकड़ गिरफ्तार, हाईवे पर हाई-वोल्टेज हरकत और फिर गंगाजल स्नान...

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झाबुआ ( ऋतिक विश्वकर्मा) । मंदसौर जिले से खबर नहीं, कमाल आया है... जहां लोग एक्सप्रेसवे पर ओवरटेक करते हैं, वहां हमारे नेता जी ने सीधे संस्कारों को ही ओवरटेक कर दिया...       भाजपा नेता मनोहर धाकड़ जी... जिनका नाम सुनते ही लोग सोचते थे कि ये “धाकड़” होंगे... लेकिन निकले सीधे “ढीले संस्करण”... दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर खड़ी सफेद बलेनो (MP14CC4782) में उन्होंने किसी और ही सफेदी का प्रदर्शन कर दिया... वीडियो वायरल हुआ... और धाकड़ जी भी... वीडियो 13 मई को बना... 21 मई को वायरल हुआ... और 23 मई की रात पुलिस उनके गांव 'बनी' भी पहुंची... लेकिन तब तक नेता जी बिना बताए निकल चुके थे... अभी एक बड़ी खबर आई... भानपुरा पुलिस ने धाकड़ जी को धर दबोचा... और थाना प्रभारी आरसी डांगी जी पूछताछ कर रहे हैं... अब सवाल यह है कि पुलिस क्या पूछेगी...? नेता जी, एक्सप्रेसवे ही क्यों...? और नेता जी बोलेंगे... सर, वही स्पीड पसंद थी... वीडियो वायरल किया किसने...? पुलिस यह जानने में जुटी है कि वीडियो किसने निकाला और क्यों वायरल किया... अब भैया, जब नेता जी खुद कैमरे के सामने ‘परफॉर्म’ करेंगे...

झाबुआ-नीमच के दो अफसरों पर गिरी गाज... चंद्रशेखर आजाद से जुड़ी पुस्तक छिपाना पड़ा महंगा, सूचना आयोग ने सुनाया सख्त फैसला...

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झाबुआ/भोपाल।  देश के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े गौरवशाली अतीत की उपेक्षा पर राज्य सूचना आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। आरटीआई एक्टिविस्ट कैलाश सनोलिया (विश्वकर्मा) की अपील पर सुनवाई करते हुए मप्र राज्य सूचना आयोग ने झाबुआ और नीमच के दो अधिकारियों - संयुक्त कलेक्टर अक्षयसिंह मरकाम और पूर्व संयुक्त कलेक्टर श्रीमती प्रीति संघवी - पर पांच हजार रुपये की क्षतिपूर्ति राशि का आदेश सुनाया है। पुस्तक का कवर पृष्ठ, जिसमें चंद्रशेखर आजाद समेत स्वतंत्रता सेनानियों की दुर्लभ छवियां प्रकाशित हैं। यह मामला उस दुर्लभ पुस्तक से जुड़ा है, जो स्वतंत्रता संग्राम में झाबुआ जिले के योगदान को समर्पित है और जिसमें शहीद चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली भाबरा सहित कई सेनानियों की स्मृतियां दर्ज हैं। पुस्तक का प्रकाशन वर्ष 1999 में "कबीर निधि" के माध्यम से झाबुआ कलेक्टर कार्यालय द्वारा किया गया था और इसका लोकार्पण 6 अगस्त 2000 को तत्कालीन प्रभारी मंत्री घनश्याम पाटीदार ने किया था। RTI में मांगी गई थी ऐतिहासिक जानकारी कैलाश सनोलिया ने अप्रैल 2022 में कलेक्टर कार्यालय झाबुआ से इस पुस्तक की प्रति, मु...

सड़क पर सरकते संस्कार... मनाेहरलाल धाकड़ का एक्सप्रेसवे पर एक्सप्रेशन... हाईवे रोमांस से CCTV बना सुपरस्टार...

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झाबुआ  ( ऋतिक विश्वकर्मा)।  देश की राजनीति में जब तक बयानबाज़ी और बहसबाज़ी थी... सब ठीक था... लेकिन जब नेता जी डायरेक्ट एक्शन मोड में आ गए... और वो भी हाईवे पर... तो मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक पूरा सिस्टम ओवरलोड हो गया... मामला मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले का है... जहां भाजपा नेता (या फिर भूतपूर्व अस्थायी स्वघोषित नेता) मनोहरलाल धाकड़ जी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को एक प्राइवेट स्टूडियो समझ लिया... कैमरा पहले से मौजूद था... सीसीटीवी... लोकेशन थी सार्वजनिक रास्ता... और अभिनय था... अश्लीलता की पराकाष्ठा... अब भाई साहब को लगा कि रोमांस विद ए व्यू ट्रेंड कर रहा है... क्या पता इंस्टाग्राम पर रील बनाने की कोशिश कर रहे हों... लेकिन मामला सीधा पुलिस की रील में पहुंच गया... पुलिस ने IPC नहीं... नए जमाने के BNS की धाराएं चला दीं... 296... 285... और 3(5)... यानी "अश्लीलता + रास्ता रोको + नियत खराब" का संयुक्त जाम... भाजपा बोली... हमको क्या... पार्टी ने तुरत-फुरत नाता तोड़ लिया... वो तो हमारे प्राथमिक सदस्य भी नहीं हैं... वाह... नेता जी का प्यार प्राथमिक था... और पार्टी ...