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भील सेना की बैठक सम्पन्न - विश्व आदिवासी दिवस पर ढोल-मांदल और झांकियों से संस्कृति का होगा प्रदर्शन, राणापुर ब्लॉक अध्यक्ष बनाए गए बदेसिंह वाखला

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झाबुआ। भील सेना संगठन की एक अहम बैठक आज सम्पन्न हुई जिसमें आगामी विश्व आदिवासी दिवस (9 अगस्त) के कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई। इस वर्ष आयोजन में डीजे संस्कृति से हटकर आदिवासी ढोल, मांदल, फड़-गीत और पारंपरिक वेशभूषा के माध्यम से अपनी समृद्ध विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा।            बैठक में निर्णय लिया गया कि टांट्या भील, बिरसा मुंडा और राणा पूंजा भील जैसे आदिवासी महापुरुषों की झांकियां निकाली जाएंगी, जिससे समाज को अपने गौरवशाली इतिहास और मूल्यों का संदेश दिया जा सके।            इस दौरान संगठन को मजबूत करने की दिशा में भी कदम उठाए गए। राणापुर ब्लॉक अध्यक्ष पद पर बदेसिंह वाखला की नियुक्ति की गई। बैठक में भील सेना संगठन के जिला अध्यक्ष रवि भूरिया, ब्लॉक अध्यक्ष गोलू वसुनिया, राजेश डामोर, अनेश मेड़ा, गोविंद डामोर, प्रकाश वाखला सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।            संगठन के जिला अध्यक्ष रवि भूरिया ने कहा कि "अब समय है कि हम अपनी असली पहचान और संस्कृति को मंचों पर और सड़कों पर गर्व क...

मुख्यालय से गायब, रजिस्टर में हाजिर... आरोग्यम सेंटर की CHO बनी मनमर्जी की महारानी...

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✍ ऋतिक विश्वकर्मा  राणापुर ब्लॉक के ग्राम बन में पदस्थ आरोग्यम केन्द्र की समुदाय आधारित स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) प्रियंका डामोर इन दिनों सेंटर पर कम, मुख्यालय से बाहर ज़्यादा नज़र आती हैं - वो भी बिना किसी अनुमति के। रजिस्टर में हस्ताक्षर... जमीनी हकीकत में गैरहाजिर... स्थानीयों ने कई बार बताया कि सीएचओ जब मन आता है, तब सेंटर आती हैं। उपस्थिति रजिस्टर में साइन करके फुर्ती से निजी कार्यों पर निकल जाती हैं। कभी जिला मुख्यालय, तो कभी पेटलावद रोड पर पति संग घूमती हुई देखी जाती हैं। बीपीएम ने किया कॉल, जवाब वही पुराना - काल रिसीव नहीं किया गया... जब इस विषय में हमने ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक (BPM) रीना अलावा से चर्चा की तो उन्होंने तत्काल CHO को कॉल किया - लेकिन कॉल उठाया ही नहीं गया। रीना अलावा ने पुष्टि की... उपस्थिति रजिस्टर में नाम है लेकिन व्यक्ति नदारद है। मुख्यालय छोड़ना वह भी बिना सूचना के, गंभीर लापरवाही है। नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी। गांव में किया औचक निरीक्षण, मिली गायब CHO की 'हाजिरी' जब हमारी टीम आरोग्यम केन्द्र, बन पहुँची, तो एएनएम और आशा कार...

वो बंदूक की गोली नहीं... हिंदुस्तान की गूंज थी – नाम था चन्द्रशेखर आज़ाद...

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23 जुलाई... तारीख वही है, पर हर साल इस दिन इतिहास फिर से सांस लेने लगता है। देशभक्ति की रगों में दौड़ती चिंगारी फिर से धधक उठती है। यह वो दिन है जब भारत माता के सबसे निर्भीक सपूत, "चन्द्रशेखर आज़ाद" का जन्म हुआ था - एक ऐसा नाम जो गुलामी की जंजीरों को तोड़ने की कसम लेकर क्रांति के रण में कूद पड़ा। जिसने अदालत में कहा – मेरा नाम 'आज़ाद', पिता का नाम 'स्वतंत्रता'... 1921 का असहयोग आंदोलन... उम्र सिर्फ 15 साल, लेकिन लहू में बगावत खौल रही थी। पुलिस ने जब अदालत में पेश किया, तो नाम पूछा गया। उन्होंने गर्जना की: > "नाम – आज़ाद, पिता का नाम – स्वतंत्रता, और पता – जेल..." अदालत सन्न रह गई और आज़ादी ने अपनी पहली हुंकार भर दी...   क्रांति के मैदान का वो सिंह जो कभी पकड़ा नहीं गया... जब अंग्रेज सरकार सड़कों पर बूटों की गूंज से डर पैदा करती थी, तब आजाद की रिवॉल्वर की आवाज़ उस डर को चीरती थी... काकोरी कांड (1925) -  ब्रिटिश खजाने पर हाथ डालना, उनके दिल में खौफ भरना – यही था आज़ाद का जवाब। सांडर्स वध (1928) -  लाला लाजपत राय की मौत का बदला – न्याय की आग में जलत...

कर्ज लिया, कागज बनाए… और फिर किया खेल – FIR से फंसा दिया...

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"झाबुआ डायरी"असली कहानी  पार्ट - 1 झाबुआ/थांदला।  कहते हैं - “सत्य परेशान हो सकता है, पर पराजित नहीं...” पर जब झूठ, रजिस्ट्रियों और FIR की शक्ल में अदालत के दरवाजे खटखटाने लगे, तब सच को भी अपना अस्तित्व साबित करने के लिए कागज और गवाह की जरूरत पड़ने लगती है। इस बार कहानी महज़ सूदखोरी या एग्रीमेंट की नहीं है, ये कहानी है - उस भरोसे की, जो एक विभागीय संबंध, पारिवारिक निकटता और इंसानी रिश्तों पर टिका था। लेकिन जब लालच सिर चढ़कर बोला, तो यही भरोसा... एफआईआर की स्याही में घुल गया। भरोसे का एग्रीमेंट और नियत का फेरबदल... वह परिवार, जो कभी राणापुर की शांति में रहता था, आज झाबुआ की खबरों का केंद्र बना हुआ है। कभी एक ही सरकारी विभाग में काम करने वाले दो व्यक्तियों का संबंध, अब न्यायालय की देहरी पर “आरोपी और पीड़ित” में बदल चुका है। कहानी के सूत्र कहते हैं... रिटायरमेंट के बाद, जो पैसा मेहनत से इकट्ठा हुआ था, उसे निवेश के नाम पर लालच देकर ले लिया गया।  कागज बने, दस्तख़त हुए, वादे हुए। पर समय के साथ जब वादा निभाने का वक्त आया, तो नियत बदल गई । और बदल गई पूरे रिश्ते की परिभ...

इंदौर नगर निगम चुनाव पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : SC-ST आरक्षण स्थायी, OBC के लिए रोटेशन जारी रहेगा

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इंदौर (प्रतिक विश्वकर्मा)। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इंदौर नगर निगम चुनाव को लेकर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि नगर निगम के 85 वार्डों में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षण स्थायी रहेगा, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का आरक्षण रोटेशन प्रणाली के तहत लागू किया जाएगा। यह निर्णय हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के तीन साल पुराने आदेश को पलटते हुए आया है, जिसमें कहा गया था कि SC-ST के वार्ड भी OBC की तरह घुमाव प्रणाली (रोटेशन) से तय किए जाएं। डिवीजन बेंच ने इस आदेश को अव्यवहारिक मानते हुए स्पष्ट कर दिया कि संविधानिक प्रावधानों के तहत SC-ST वर्ग को निश्चित वार्डों में आरक्षण दिया जाना न्यायोचित है, ताकि उनकी प्रतिनिधित्व की निरंतरता बनी रहे। क्या था मामला...? 2019 में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने कहा था कि OBC की तरह SC-ST के लिए आरक्षित वार्डों को भी हर चुनाव में बदला जाए, जिससे सभी क्षेत्रों में सामाजिक न्याय की समानता बनी रहे। इस पर सरकार सहित कई जनप्रतिनिधियों और संगठनों ने आपत्ति जताई थी। डिवीजन बेंच का तर्क डिवीजन बेंच...

भाजपा का नया अध्याय - महिला नेतृत्व या अनुभवी रणनीतिकार या फिर मिलेगा सरप्राइज...?

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✍️ ऋतिक विश्वकर्मा (स्वतंत्र पत्रकार) भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक बार फिर बदलाव की दहलीज पर खड़ा है। इस बार चर्चा संगठन के सबसे बड़े पद, राष्ट्रीय अध्यक्ष की है। मौजूदा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का कार्यकाल अपने अंतिम पड़ाव पर है और ऐसे में यह सवाल ज़ोर पकड़ रहा है - कौन होगा भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष...? और यह सवाल अब सिर्फ एक पद की दौड़ नहीं, बल्कि संगठन की दिशा, चेहरे और रणनीति से जुड़ा भविष्य बन गया है। संकेत साफ हैं - फैसला जल्द... सूत्रों की मानें तो भाजपा का संगठनात्मक पुनर्गठन लगभग पूरा हो चुका है। अधिकांश राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदले जा चुके हैं। अब नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा मानसून सत्र शुरू होने से पहले - यानी जुलाई मध्य तक - होने की संभावना है। प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्रा के बाद इस पर अंतिम मुहर लग सकती है। फ्रेम में कौन-कौन...? भाजपा में अध्यक्ष पद के लिए कई नाम हवा में तैर रहे हैं, लेकिन उनमें से कुछ बेहद मज़बूत माने जा रहे हैं...                 केशव प्रसाद मौर...

धरने से उठा सकते हो, पर मैं नहीं झुकूंगा... आधार सेंटर बढ़ाओ और भ्रष्ट आबकारी अफसर काे भी हटाओ - कमलेश सिंगाड़

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झाबुआ |  आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष कमलेश सिंगाड़ के नेतृत्व में सोमवार को किए गए धरना प्रदर्शन के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। बिना अनुमति के धरना देने पर रात में पुलिस ने कमलेश सिंगाड़ सहित अन्य कार्यकर्ताओं को धरना स्थल से जबरन हटाकर उनके विरुद्ध अपराध दर्ज कर लिया। इसके विरोध में मंगलवार को पार्टी द्वारा प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें जिला अध्यक्ष कमलेश सिंगाड़ ने दो प्रमुख मुद्दों को लेकर आवाज़ उठाई और ऐलान किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। पहली मांग - जिले में आधार पंजीयन केंद्र बढ़ाए जाएं... कमलेश सिंगाड़ ने कहा कि आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में आधार पंजीयन केंद्रों की संख्या बेहद कम है, जिससे दूर-दराज के ग्रामीणों को भारी परेशानी होती है। उन्होंने प्रशासन से मांग की - जिले में नए आधार केंद्र खोले जाएं... वर्तमान में संचालित केंद्रों पर नियमित निगरानी की जाए... केंद्रों में निर्धारित शुल्क से अधिक वसूली न हो और लोगों से कोई अनियमितता न हो... दूसरी मांग - आबकारी उप निरीक्षक विकास वर्मा के विरुद्ध कार्रवाई की जा...

भील सेना संगठन में नई नियुक्तियाँ, रासिंह मेड़ा बने झाबुआ जिला महामंत्री, मुकेश डिंडोर को रामा ब्लॉक अध्यक्ष बनाया गया...

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झाबुआ। धर्म की रक्षा और भील समाज के लिए विशिष्ट क्षेत्रों में भील समुदाय से संबंधित मुद्दों को लेकर, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, सामाजिक न्याय और सांस्कृतिक के उद्देश्य से कार्यरत भील सेना संगठन द्वारा मंगलवार को दो महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियाँ की गईं। ग्राम छोटी करडावद के रायसिंह मेड़ा को संगठन का झाबुआ जिला महामंत्री नियुक्त किया गया है, वहीं ग्राम बड़ी हीड़ी (कालीदेवी) के मुकेश डिंडोर को रामा ब्लॉक अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। इन नियुक्तियों की घोषणा करते हुए झाबुआ जिला अध्यक्ष रवि भूरिया ने बताया कि संगठन ने हमेशा समाज के सक्रिय कार्यकर्ताओं को उचित मंच देने का कार्य किया है। उन्होने विश्वास जताया कि दोनों नियुक्त पदाधिकारी भीली संस्कृति व समाज की सेवा को और मजबूती देंगे। इस अवसर पर ब्लॉक अध्यक्ष गोलू वसुनिया, गब्बर वासस्केल, कमलेश डामोर, सोनू, रायसिंह मेड़ा सहित संगठन के कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने नवनियुक्त पदाधिकारियों को फूलमालाओं से स्वागत कर बधाई दी। भील सेना संगठन ने अपेक्षा की है कि दोनों कार्यकर्ता पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के ...

एनएसयूआई ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन, छात्रों को जबरन कार्यक्रम में भेजे जाने पर जताया विरोध...

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झाबुआ। आज भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने छात्रों के हित में मोर्चा खोलते हुए झाबुआ तहसीीलदार श्री डावर को एक ज्ञापन सौंपा। जिला अध्यक्ष नरवेश अमलियार के नेतृत्व में एनएसयूआई के कार्यकर्ता तहसील कार्यालय पहुंचे और एबीवीपी द्वारा छात्र-छात्राओं को जबरन स्थापना दिवस कार्यक्रम में भेजे जाने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने छात्रों को धमकाकर अपनी भीड़ बढ़ाने के लिए दबाव बनाया, जिससे कई छात्र डरे-सहमे रहे और उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई। एनएसयूआई ने चेताया कि यदि भविष्य में किसी छात्र-छात्रा के साथ कोई अप्रिय घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित संगठन की होगी। एनएसयूआई ने मांग की कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और एफआईआर दर्ज की जाए। साथ ही, जिन छात्रावासों से छात्र-छात्राओं को जबरन कार्यक्रम में भेजा गया, वहां के अधीक्षकों और अधिकारियों पर भी उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। इस मौके पर जिला अध्यक्ष नरवेश अमलियार के साथ एनएसयूआई के पदाधिकारी व अन्य सदस्य मौजूद रहे।

झाबुआ की मिण्डल पंचायत में घरवाली सरकार... पंचायत भवन वीरान... सरपंच का घर बना जनसेवा केंद्र... सचिव से मिलना हो तो सरकारी कार्यक्रम में पहुंचो...

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✍️ ऋतिक विश्वकर्मा (स्वतंत्र पत्रकार) झाबुआ जिले की मिण्डल ग्राम पंचायत में लोकतंत्र की बुनियादी इकाई ‘पंचायती राज’ इस कदर ध्वस्त हो चुका है कि जनता को अपने ही कामों के लिए पंचायत भवन नहीं, सरपंच के घर जाना पड़ता है। और सचिव से मिलने के लिए सरकारी कार्यक्रमों की तलाश करनी पड़ती है। यह पंचायत, जो जिला मुख्यालय से सटी हुई है - नगर पालिका की सीमा समाप्त होते ही प्रमुख मार्ग पर स्थित है - वहां हालात देखकर कोई भी सवाल कर सकता है कि क्या यही है स्वशासन...? ग्रामीणों की चुप्पी में डर है, और डर के पीछे दबाव... करीब 10-12 ग्रामीणों से जब बात की गई, तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा... जब से नई सरपंच बनी हैं, पंचायत तो जैसे ताले में ही चली गई है। कभी खुलती है तो बस किसी वीआईपी दौरे में। बाकी सारे काम सरपंच के घर जाकर कराने पड़ते हैं। नाम मत छापना, वरना सरपंच का बेटा और परिवार झगड़ने आ जाएगा। फिर हमारा काेई काम हाेगा ताे भी नहीं करेंगे... यह डर बताता है कि गांव में पारदर्शिता नहीं, बल्कि एक तरह की घरेलू तानाशाही हावी है। काम करवाना है...? तो सरपंच के घर जाइए... गांव के अधिकांश ...

दाे गर्भवती महिलाओं ने खोली विकास की पोल... गर्भ का दर्द नहीं, गांव की सड़क की पीड़ा बड़ी है... वायरल हुआ विडियो...

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यह दृश्य है भारत के उस दौर का, जिसे हम डिजिटल इंडिया, विकस‍ित भारत और आत्मनिर्भर राष्ट्र जैसे बड़े-बड़े नारों से जोड़ते हैं। लेकिन हकीकत इससे अलग और बेहद चुभती है - जहां दो गर्भवती महिलाएं अपने प्रसव पीड़ा से ज्यादा गांव की ज़रूरत को प्राथमिकता देते हुए सरकार से सड़क की भीख मांग रही हैं। सीधी जिले की महिला  लीला साहू ने एक बार फिर कैमरे के सामने आकर गुहार लगाई है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दो गर्भवती महिलाएं - जो खुद अस्पताल जाने की स्थिति में हैं - गांव के लिए सड़क की माँग करती दिखती हैं। न कोई राजनीतिक मांग, न किसी योजना का लाभ - सिर्फ इतना कि गांव में एंबुलेंस आ सके, ताकि प्रसव और बीमारियों के दौरान किसी की जान न जाए। वायरल हाे रही इस विडियो काे देखने के लिए लाल बटन पर क्लिक करें 🔴🔴🔴 वीडियो में लीला साहू सांसद डॉ. राजेश मिश्रा और सरकार को सीधे कटघरे में खड़ा करती हैं। उन्होंने बताया कि महीनों पहले जब सड़क की माँग उठाई गई थी, तब सांसद ने 'जल्द बनेगी' कहकर भरोसा दिया था। लेकिन आज तक सड़क वही टूटी-फूटी पड़ी है। क्या कहते हैं सवाल - क्या 'डिजिटल...

पैसे, दवा और वादा - फिर सामने आई ईसाई बनाने की स्कीम... क्या झाबुआ के आदिवासियों की आस्था खरीदी जा रही है...?

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✍️ ऋतिक विश्वकर्मा, (स्वतंत्र पत्रकार) मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल जिले झाबुआ में एक बार फिर धर्मांतरण का मुद्दा गरमा गया है। हर कुछ महीनों में सुलगते इस मुद्दे ने जुलाई की शुरुआत में ही प्रशासन, समाज और मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। इस बार चर्चा का केंद्र बना है थांदला क्षेत्र का पाटडी गांव , जहां एक व्यक्ति ने खुलेआम यह बयान दिया कि गांव के सभी लोगों को ईसाई बनाना है - हर व्यक्ति को 10,000 और अन्य लाभ मिलेंगे। इस बयान ने ग्रामीणों के बीच न सिर्फ हलचल पैदा की, बल्कि हिंदू संगठनों को भी चौकन्ना कर दिया। मामला पुलिस के पास पहुँचा और अब जांच जारी है। धर्म बदलने की यह कैसी आजादी...? पिछले कुछ वर्षों में झाबुआ जिले के कई इलाकों से यह खबरें लगातार आ रही हैं कि लोगों को इलाज, शिक्षा, पैसा या फिर निजी समस्याओं का समाधान कराने के बहाने धर्म बदलने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इनमें कई बार झोपड़ियों में गुपचुप प्रार्थना सभाएँ होती हैं, जिनका मकसद समाज सेवा के बजाय धर्मांतरण बताया जाता है। ठीक ऐसा ही मामला सामने आया 2023 में धामंदा गांव में, जहां एक परिवार ने 9 साल ब...

प्रदीप बस की टक्कर से युवक गंभीर घायल, पुलिस ने तुरंत पहुँचाकर कराया इलाज...

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झाबुआ/मेघनगर। सोमवार दोपहर लगभग 3:50 बजे मेघनगर-कल्लीपुरा मार्ग पर एक तेज रफ्तार बस ने बाइक सवार युवक को सामने से टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे में घायल युवक की पहचान मकन पिता बापू मेड़ा, उम्र लगभग 35 वर्ष, निवासी कल्लीपुरा के रूप में हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवक अपनी बाइक क्रमांक MP45HP7035 से कल्लीपुरा से मेघनगर की ओर जा रहा था, जबकि प्रदीप बस क्रमांक MP45P3555 झाबुआ की ओर तेज गति से आ रही थी। इसी दौरान सामने से बस ने बाइक को साइड से जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि युवक सड़क किनारे जा गिरा और उसके सिर, हाथ व पैर में गंभीर चोटें आईं। सूचना मिलते ही मेघनगर पुलिस मौके पर पहुँची और बिना देरी किए घायल युवक को पुलिस वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मेघनगर ले जाया गया। मौके पर मौजूद स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत युवक के परिजनों को सूचना दी, जिसके बाद उसके बड़े भाई अमरसिंह पिता बापू सहित अन्य परिजन मौके पर पहुँच गए। घटना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ घटनास्थल पर जमा हो गई थी। पुलिस ने स्थिति क...

उज्जैन मोहर्रम बवाल पर तह तक — रूट से हटे घाेड़े की एक चाल ने बिगाड़ी फिज़ा... पुलिस काे करना पड़ा लाठीचार्ज....

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उज्जैन। महाकाल की नगरी में मोहर्रम के 9वें दिन सीरत कमेटी के नेतृत्व में जुलूस निकाला जा रहा था। प्रशासन ने रूट तय कर साफ हिदायत दी थी कि जुलूस केवल उन्हीं गलियों से गुजरेगा, जिसकी सहमति बैठक में दी गई थी। इसके बावजूद जुलूस ने अब्दालपुरा की ओर रुख किया। जुलूस के आगे चल रहे घोड़े को घुमाया गया... बैरिकेड तोड़ा गया... पुलिस ने विरोध किया, पर बात बिगड़ गई... पुलिस की तैयारी और कार्रवाई... जीवाजीगंज थाना प्रभारी और बल मौके पर तैनात था। जैसे ही बैरिकेडिंग तोड़ी गई, बल ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। दो पुलिसकर्मी घायल हुए — जिन्हें अस्पताल भेजा गया। एफआईआर में नामजद... 1. इरफ़ान उर्फ़ लल्ला 2. मोइन 3. अतीक 4. अज़ीज़ 5. बबलू... और कुल 16 नाम। > एसपी प्रदीप शर्मा का बयान... CCTV फुटेज और साक्ष्य के आधार पर अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। घाेड़े की एक चाल ने बिगाड़ा महाकाल, विडियो देखने के लिए लाल बटन पर क्लिक करें... 🔴🔴🔴 CCTV फुटेज  प्रशासन ने मौके पर लगे कैमरों से फुटेज जब्त कर लिए हैं। इनमें साफ़ दिख रहा है, किसने बैरिकेड को धक्का दिया... किस...

बाबाओं के पाखंड पर सटीक वार और प्रेमानंद महाराज की चेतावनी... डॉक्टर के पास जाओ, चमत्कार मत ढूंढो...

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✍️ रितिक विश्वकर्मा  जनमत का रविवार स्पेशल धर्म सराेकार जब बाबा लोग चमत्कारों के नाम पर भीड़ जुटाते हैं, प्रेमानंद महाराज ठोस बातें कहकर लोगों का मन जीत लेते हैं। न ढोंग, न ड्रामा - केवल तर्क, अनुभव और व्यावहारिक सोच। आज के समय में जब "बाबा इंडस्ट्री" चमत्कार बेच रही है, ऐसे दौर में प्रेमानंद महाराज जैसे संत का उदय एक ताज़ी हवा के झोंके जैसा है। वे कहते हैं -  आस्था और अंधविश्वास में फर्क समझो। पीठ दर्द हो तो झाड़-फूंक नहीं, डॉक्टर के पास जाओ। भगवान से प्रार्थना करो, लेकिन पेनकिलर मत भूलो! सच बोलते हैं, और साफ बोलते हैं... उनका प्रवचन न कोई झूमते हुए भक्तों का ढोंग है, न माइक पकड़कर चमत्कारी चुटकुले। वे ज़िंदगी के कठिन सवालों को सीधे-साफ़ जवाबों से काटते हैं। समाज को दिशा देते हैं, न कि भ्रमित करते हैं... सिर्फ प्रवचन में नहीं, विचारों में भी वे व्यावहारिकता के पुजारी हैं। न पीठ थपथपाते हैं, न डर दिखाते हैं। वे समझाते हैं -  जीवन का बोझ हो या शरीर का दर्द, इलाज चाहिए, अंधविश्वास नहीं। औ र यहीं पर फर्क है — बाबा बनाम मार्गदर्शक में... आज जब पाखंडवाद एक नया बिज़ने...

मेघनगर में जहर की धार - केमिकल प्रदूषण पर बेबस प्रशासन... मौन सरकार...

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✍️ ऋतिक विश्वकर्मा,  (स्वतंत्र पत्रकार) झाबुआ जिले का मेघनगर , कभी शांत और हरियाली से भरपूर रहा क्षेत्र, अब जहरीले धुएं, दूषित नालों और अनदेखी की मिसाल बन चुका है। एक दशक से अधिक हो गया, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। केमिकल फैक्ट्रियों से उठते धुएं, जमीन में रिसता जहर और नदियों में बहता केमिकल - सब कुछ जानते हुए भी प्रशासन की चुप्पी अब सवाल खड़े करती है।                     फाईल फाेटाे पानी का रंग काला और लाल हो चला है, और मिट्टी में उपज कम होती जा रही है। अनास और पद्मावती जैसी नदियाँ अब जीवनदायिनी नहीं, बल्कि जहर का स्रोत बन चुकी हैं। मगर विडंबना देखिए - फैक्ट्रियाँ चल रही हैं, सरकार मौन है, और अवैधता निर्भीक। AKVN (औद्योगिक विकास निगम) ने जिस विकास की नींव पर यह क्षेत्र तैयार किया था, वह अब विनाश की जमीन बनती जा रही है। ना पर्यावरणीय अनुमति की सख्ती, ना ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी। सब कुछ “नियंत्रण” के नाम पर सिर्फ कागज़ों में सिमट कर रह गया है। 2015 से अब तक कई बार ग्रामीणों ने विरोध किया...

शिक्षा के मंदिर में शोषण की दीवारें... स्कूल की मैडम ने बच्चों को बनाया मजदूर... प्रशासन मौन...

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✍️ ऋतिक विश्वकर्मा सरकारी स्कूल... नाम सुनते ही मन में जो तस्वीर उभरती है - किताब, शिक्षक, पढ़ाई और भविष्य। लेकिन माधाैपूरा के सरकारी स्कूल में ये तस्वीर कुछ अलग है - यहाँ किताब की जगह बच्चे ईंटें ढो रहे हैं, और भविष्य की जगह बोझ। जी हाँ...  झाबुआ के माधूपूरा में पदस्थ स्कूल की प्रधानाध्यापिका कल्पना त्रिवेदी पर आरोप है कि वह स्कूल में पढ़ने आए मासूम बच्चों से दिनभर मजदूरी जैसा काम करवाती रही हैं। बच्चों से खुलेआम ईंटें उठवाई जा रही हैं, मैदान साफ कराए जा रहे हैं - और सबसे शर्मनाक बात ये कि ये सब हो रहा है शिक्षा के मंदिर में। जो वीडियो सामने आया है, उसमें एक सीन नहीं... एक सच्चाई चीख रही है... बच्चे स्कूल यूनिफॉर्म में, मज़दूरी के मूड में हैं। कोई ईंट ढो रहा है, कोई हटा रहा है... और मैडम साहिबा निर्देश दे रही हैं जैसे किसी ठेके की ठिकेदार हों। प्रिंसिपल का जवाब भी कम दिलचस्प नहीं है... उन्होंने कहा - “मैंने सिर्फ 10-12 ईंटें हटवाने को कहा था… ताकि बच्चों को आने-जाने में दिक्कत ना हो… चपरासी से भी काम करवाया है…” वाह मैडम... 10 ईंटों के लिए बच्...

"मैं अब नहीं मिलूंगी..." झाबुआ की कनक पाटीदार का दर्दभरा वीडियो वायरल - क्या एक और बेटी सिस्टम से हार गई...?

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✍️ ऋतिक विश्वकर्मा “कभी मैंने खुद को ज़िंदा रखने की वजह ढूंढी थी... आज जीने से बड़ी राहत ‘गुमनाम’ होना लग रहा है...”   यह शब्द नहीं कहे गए, लेकिन कनक पाटीदार की आंखों में साफ-साफ दिखे। झाबुआ जिले के बामनिया चाैकी अंतर्गत आने वाले गांव अमरगढ़ की एक 22 वर्षीय युवती कनक पाटीदार का एक भावुक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वीडियो में वह सिसकियों के साथ कहती है...  मैं बहुत परेशान हूं... अब नहीं मिलूंगी... यह कोई डायलॉग नहीं, यह उस बेटी की आत्मा की चीख थी, जिसे शायद दुनिया सुनना ही नहीं चाहती। वीडियो में क्या है...? विडियाें देखने के लिए लाल बटन पर क्लिक करें... 🔴🔴🔴 करीब 2 मिनट 47 सेकंड के इस वीडियो में कनक मानसिक यातना की बात करती हैं। उसका चेहरा डरा हुआ है, आंखें सूजी हुई हैं, और जुबां पर बस दर्द... अब सह नहीं पा रही... परेशान मत होना, मैं नहीं मिलूंगी... इस एक वाक्य ने हजारों दिलों को झकझोर दिया... क्या यह किसी सुसाइड नोट से कम था...? ससुराल में यातना, मायके में चुप्पी...? कनक के ससुराल से 2 जुलाई को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई, लेकिन वीडि...

पूजा की एक खौफनाक प्रेम कथा– जब रिश्तों की डोर में ‘प्रेम’ नहीं, लालच बुनने लगा, तब एक के बाद एक तीन हत्याएं...

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✍  ऋतिक विश्वकर्मा    MP जनमत | गूंज़-ए-झाबुआ जहाँ प्रेम रिश्तों को जीवन देता है, वहीं एक प्रेम कहानी ने पूरे खानदान को मौत की ओर धकेल दिया। मुख्य किरदार हैं – पूजा जाटव , जो अब झाँसी पुलिस की गिरफ्त में है। लेकिन उससे पहले वह अपने 'प्रेम' और 'हक़' की तलाश में पति, देवर और सास – तीन ज़िंदगियाँ निगल चुकी है। प्रेम विवाह से लिव-इन तक, और लाशों की कतार तक... शुरुआत प्यार से... पूजा ने अपने प्रेमी से शादी की थी। सबकुछ ठीक चलता, परंतु पति की हत्या करवा दी गई। कहा गया - पारिवारिक विवाद था, लेकिन शक की सुई पूजा पर ही घूमी। फिर छाेटे देवर से संबंध पति की मौत के बाद पूजा ने छोटे देवर से रिश्ता जोड़ लिया, लेकिन वह भी ज्यादा दिन ज़िंदा नहीं रहा। मौत रहस्यमयी थी... पर कहानी का रुख अब पूरी तरह बदल चुका था। अब बड़े देवर पर नजर... छोटा देवर चला गया तो अब बड़े देवर के साथ लिव-इन में रहने लगी, जो पहले से शादीशुदा था। पत्नी ने विरोध किया तो पूजा ने संपत्ति में हिस्सा मांग लिया। जब सास ने कहा - नहीं... सास ने इस पर ऐतराज़ जताया तो पूजा ने उसकी भी हत्या क...

जब सीएम के रतलाम दौरे में पेट्रोल मिलावट का मामला आया सामने, अब झाबुआ में दौड़ी प्रशासनिक सख्ती...

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मेघनगर रोड के पंप पर पानी की मिलावट मिली, नोजल सील....   जब तक VIP को न लगे झटका, तब तक सिस्टम नहीं हिलका... ✍️ ऋतिक विश्वकर्मा जब जनता रोए पेट्रोल में पानी की मार, अफसर बोले, 'CM तक नहीं पहुँची बात यार... अब जब VIP की गाड़ी हिचकोली खा गई,  तभी तो जांच की गाड़ी सही ट्रैक पर आ गई… झाबुआ जिले में अब प्रशासन ने कमर कस ली है - लेकिन यह सख्ती ऐसे ही नहीं आई, बल्कि रतलाम में मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान पेट्रोल में मिलावट पकड़े जाने के बाद शुरू हुई है। उस एक घटना ने प्रदेश भर के पेट्रोल पंपों को हिला डाला - और अब, कलेक्टर नेहा मीना के निर्देश पर झाबुआ जिले में राजस्व, नापतौल और आपूर्ति विभाग का संयुक्त दल गठन कर जाँच का चाबुक चलाया जा रहा है। मेघनगर रोड पर कार्रवाई - तीन टैंक में मिला पानी, नोजल सील... 'नेशनल पेट्रोलियम' पंप पर जब संयुक्त दल पहुंचा, तो वॉटर डिप टेस्ट में तीन टैंकों में पानी पाया गया। इस मिलावट के आधार पर संलग्न नोजल को सील कर दिया गया। कार्यवाही तहसीलदार के नेतृत्व में हुई, और टीम ने मौके पर अन्य मापदंड जैसे घनत्व, स्टॉक मिलान, मशीन जांच भ...

गूंज़-ए-झाबुआ और एमपी जनमत की खबर का असर - प्रधानमंत्री आवास घोटाले की शिकायत पर कलेक्टर नेहा मीना ने दिए जांच के निर्देश...

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झाबुआ। "गूंज़-ए-झाबुआ और एमपी जनमत" द्वारा विगत मंगलवार को प्रमुखता से उठाए गए प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में गड़बड़ी के प्रकरण का असर अब देखने को मिला है। इस मामले में मंगलवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित जनसुनवाई के दौरान आवेदक कमलेश पिता गुलाब सिंह खराड़ी निवासी सकतला, तहसील रामा द्वारा फिर से शिकायत प्रस्तुत की गई कि उनके नाम से स्वीकृत आवास की राशि किसी अन्य ने निकाल ली है और उन्हें आज तक कोई लाभ नहीं मिला है।          इस गंभीर शिकायत को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर श्रीमती नेहा मीना ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल जांच कर दोषियों पर दंडात्मक कार्यवाही करने एवं पीड़ित को उसकी स्वीकृत राशि दिलाने के निर्देश दिए। हर आवाज को मंज़िल मिले, यही हमारा मकसद है... सच को उजागर करना ही 'गूंज़-ए-झाबुआ' का वजूद है... जहां हक दबा हो, हम वहाँ खड़े हैं... कलम से क्रांति की लौ जले, हम उसी राह के मुसाफिर हैं..